Thursday 5 March 2015

FRUITS & Herbs

आंवला



आंवला खाया कि नहीं...
आंवले का सेवन सेहत के लिए बहुत जरूरी है। इसके नियमित सेवन से न केवल स्वास्थ्य सही रहता है, बल्कि सुंदरता भी बढ़ती है...

आंवला को यदि गुणों की खान कहा जाए तो गलत न होगा। सर्दी के मौसम में मिलने वाला आंवला बहुत सारे गुणों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. सतीश चंद्र शुक्ला का कहना है कि अगर जाड़े के मौसम में प्रतिदिन आंवले का सेवन किया जाए तो शरीर पूरी तरह स्वस्थ रहेगा।

-आंवला बहुत सारे रोगों से राहत दिलाता है। इसमें कई सारे विटामिन्स और मिनरल्स जैसे विटामिन ए, बी-6, थियामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, कैरोटीन, कॉपर, पोटैशियम, मैंग्नीज आदि पाए जाते हैं। इसमें कई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं।

-आंवले को कई प्रकार से खाया जा सकता है। आप चाहें तो इसे कच्चे रूप में खा सकते हैं। इसका जूस भी निकाला जा सकता है। इसकी चटनी बनाने के साथ ही इसका हलुआ भी बनाया जा सकता है। आंवले के लच्छों को मीठा या नमकीन बनाकर खाया जा सकता है। इसका मुरब्बा तो हर मौसम में खाया जाता है। आंवला के रस को शहद या एलोवेरा में मिलाकर लिया जा सकता है।

-आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स की मौजूदगी के कारण आंवला बालों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से न केवल बालों की ग्रोथ अच्छी होती, बल्कि उनमें चमक भी आती है और बालों का गिरना भी कम हो जाता है। इसके रस को बालों की जड़ों में लगाने से भी लाभ मिलता है।

-विटामिन ए और कैरोटीन से भरपूर होने के कारण आंवला आंखों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से न केवल आंखों की रोशनी सही रहती है, बल्कि वे कई सारी समस्याओं से भी बची रहती हैं।

-आंवले में मौजूद कैल्शियम दांतों, नाखूनों, त्वचा और हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे त्वचा में निखार भी आता है। इसमें मिलने वाला प्रोटीन शरीर को पूरी तरह स्वस्थ रखता है।

-डाइबिटीज वाले लोग भी आंवले का सेवन कर सकते हैं। इसमें मिलने वाला क्रोमियम ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखता है। हां, यह ध्यान रखें कि बगैर शक्कर वाले आंवले का ही सेवन करें।

-आंवले में पानी भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इसके सेवन करने पर पेशाब के साथ शरीर के हानिकारक तत्व जैसे अतिरिक्त पानी, नमक और यूरिक एसिड बाहर हो जाते हैं। यही कारण है कि यह किडनी को स्वस्थ रखने में भी सहायक है।

-इसमें फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर हमारे पाचन तंत्र अर्थात पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से कब्ज की शिकायत दूर होती है। साथ ही डायरिया होने का भी खतरा नहीं रहता है।

-आंवले में मिलने वाले पोषक तत्व जैसे आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स हृदय को दुरुस्त रखने में बहुत सहायक हैं। आंवले के नियमित सेवन से हृदय में रक्तसंचार सही रूप से होता है। यह कोलेस्ट्राल के स्तर को भी सही रखता है।

-पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण आंवला एंटी एजिंग का भी काम करता है। साथ ही विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाव करता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है। सर्दी-जुकाम से बचाव करने के साथ ही यह एनीमिया होने से भी बचाता है। एक्ने और पिंपल्स से भी बचाव करने में भी यह सहायक है।

कब और कितनी मात्रा में पीना चाहिए आंवला जूस 
सुबह खाली पेट आंवला जूस केवल 10 मिलीग्राम ही लें।बढ़ाकर 20 मिलीग्राम कर सकते हैं।इससे ज्यादा आंवला जूस का सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।अलग-अलग समय पर इसे दो बार में भी ले सकते हैं। 

 

आंवला और इसका जूस पीने के फायदे- 
-आंखों के लिए आंवला अमृत समान है, यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके लिए रोजाना एक चम्मच आंवला के पाउडर को शहद के साथ लेने से लाभ मिलता है और मोतियाबिंद की समस्या भी खत्म हो जाती है।
-बुखार से छुटकारा पाने के लिए आंवले के रस में छौंक लगाकर इसका सेवन करना चाहिए, इसके अलावा दांतों में दर्द और कैविटी होने पर आंवले के रस में थोड़ा सा कपूर मिला कर मसूड़ों पर लगाने से आराम मिलता है।
-शरीर में गर्मी बढ़ जाने पर आंवल सबसे बेहतर उपाय है। आंवले के रस का सेवन या आंवले को किसी भी रूप में खाने पर यह ठंडक प्रदान करता है। हिचकी तथा -उल्टी होने की पर आंवले के रस को मिश्री के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करने से काफी राहत मिलेगी।
 -चेहरे के दाग-धब्बे हटाकर उसे खूबसूरत बनाने के लिए भी आंवला आपके लिए उपयोगी होता है। इसका पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा साफ, चमकदार होती है और झुर्रियां भी कम हो जाती हैं।

इन चीजों के साथ सेवन करने के फायदे 
-आवंला कूटकर पेस्ट के रूप में तैयार कर लें।दो चम्मच आंवला का गूदा और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम लें। जुकाम नहीं होगा, अगर है तो वह ठीक हो जाएगा।
-6-7 दिन तक खाली पेट एक चम्मच केवल आंवला जूस पिएं। इससे पेट के कीड़े मरेंगे।पेट साफ होगा।
-डायबिटीज़ की समस्या से जूझ रहे लोग भी आंवला जूस का सेवन कर सकते हैं।आंवला ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में कारगर है।
-पेशाब में जलन हो तो खाली पेट आंवला और शहद मिलाकर पिएं। राहत मिलेगी।
-खांसी के लिए भी आंवला काफी फायदेमंद है।आंवले का मुरब्बा दूध के साथ लें। खांसी में आराम मिलेगा।
-सफेद बालों को काला करने में आंवला कारगर है। नारियल के तेल में दो से तीन साबुत आंवला रात में भिगोकर रखें। सुबह में इस तेल की मालिश करें।बाल काले हो जाएंगे और मजबूत भी होंगे।


केला 



सेब ही नहीं, बल्कि दिन में दो केले भी आपको डॉक्टर से दूर रख सकते हैं। इससे पहले की हम आपको एक दिन में दो केले खाने के फायदे बताना शुरू करें, पहले यह जान लीजिए कि केला खाने से कोई मोटा नहीं होता। यह सिर्फ एक मिथ है। इससे आपको तुरंत एनर्जी मिलती है। इसमें फाइबर और तीन तरह की शुगर होती है- सुक्रोज़, फ्रुक्टोज़ और ग्लूकोज़।
एक रिसर्च के मुताबिक, 90 मिनट के वर्कआउट के लिए दो केले आपको खूब एनर्जी दे सकते हैं। इसलिए एथलीट्स केला ज़रूर खाते हैं। एनर्जी लेवल बढ़ाने के अलावा, केले से विटामिन्स भी मिलते हैं। दिन में दो केले खाने से आपके शरीर से जुड़ी 12 परेशानियां दूर हो सकती हैं।

1.डिप्रेशन:

एक रिसर्च की मानें तो डिप्रेशन के मरीज़ जब भी केला खाते हैं, उन्हें आराम मिलता है। दरअसल, केले में एक ऐसा प्रोटीन होता है, जो आपको रिलैक्स फील करवाता है और आपका मूड अच्छा करता है। केले में विटामिन B6 भी होता है, जिससे आपका ब्लड ग्लूकोज़ लेवल ठीक रहता है।

2.एनीमिया:

केले में आयरन होता है। इसलिए इसे खाने से ब्लड में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती। जिन लोगों को एनीमिया है, उन्हें केला ज़रूर खाना चाहिए।
3.ब्लड प्रेशर
4.ब्रेन पावर
5.कॉन्सटीपेशन
6.हैंगओवर्ज़
7.हार्टबर्न
8.मॉर्निंग सिकनेस
9.मस्कीटो बाइट्स
10.नर्व्ज़
11.अल्सर
12.टेम्परेचर कंट्रोल

3.ब्लड प्रेशर:
इसमें पोटैशियम बहुत ज़्यादा होता है और नमक की मात्रा कम होती है, जिसके चलते आपका ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है। FDA, यानी US FOOD AND DRUG ADMINISTRATION ने भी हाल ही में BANANA INDUSTRY को यह बात आधिकारिक रूप से बताने को कहा है कि केला खाने से ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक होने का रिस्क कम हो जाता है।

4.ब्रेन पावर:

इंग्लैंड के एक स्कूल में 200 स्टूडेंट्स को हर रोज़ इम्तिहान से पहले नाश्ते में केला ज़रूर खिलाया गया, ताकि उनका दिमाग तेज़ हो। दरअसल, रिसर्च कहता है कि पोटैशियम होने के चलते, केला खाने से याद करने की क्षमता बढ़ती है।

5.कॉन्सटीपेशन:

अगर आपको कब्ज़ रहती है, तो केला आपके काफी काम की चीज़ है। दिन में दो केले खाइए और फिर देखिए फाइबर होने के चलते केला खाने से कैसे आपकी यह परेशानी दूर होती है।

6.हैंगओवर्ज़ :

बहुत ज़्यादा अल्कोहल पीने के बाद, अगर आपका सिर दर्द हो, तो एक गिलास BANANA SHAKE पिएं। इसमें थोड़ी शहद भी डालिए। कुछ देर में आपका ब्लड शुगर लेवल ठीक हो जाएगा और हैंगओवर भी दूर हो जाएगा। सिर्फ यही नहीं, इससे आपकी बॉडी भी हाइड्रेटिड हो जाएगी।

7.हार्टबर्न:

अगर आपको एसिडिटी हो रही है और सीने में जलन भी, तो केला आपकी समस्या का समाधान है। 
8.मॉर्निंग सिकनेस:

अगर आपको खाने के बाद भी भूख लगती है, तो केला खाएं। इससे आपका ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल रहेगा और आप रिलैकस्ड फील करेंगे।

9.मस्कीटो बाइट्स:
मच्छर के काटने पर आप लोशन या क्रीम की जगह, केले के अंदर का भाग भी लगा सकते हैं। इससे सूजन और जलन कम हो जाएगी।

10.नर्व्ज़:

केले में विटामिन B होता हैं, जो आपके नर्वस सिस्टम को सही रखता है। ऑस्ट्रेलिया के एक साइकोलॉजी इंस्टिट्यूट ने रिसर्च में पाया कि वर्कप्लेस में भूख लगने पर इम्पलॉई फास्ट फूड और स्नैक्स से अपना पेट भरते हैं। इस वजह से टेंशन और मोटापा बढ़ता है। इसलिए ज़रूरी है कि हर दो घंटे बाद आप कार्बोहाइड्रेट वाला फूड खाएं, जैसे केला।

11.अल्सर:

अगर आपको आए दिन छाले होते हैं, तो केला आपके लिए लाभदायक हो सकता है।

12.टेम्परेचर कंट्रोल:

केला खाने से प्रेग्नेंट वुमन का टेम्परेचर भी सही रहता है। अगर आप केले की तुलना सेब से करेंगे, तो पाएंगे कि केले में सेब से चार गुना ज्य़ादा प्रोटीन, दो गुना ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट, तीन गुना ज़्यादा फॉस्फोरस, पांच गुना ज़्यादा विटामिन A और आयरन होता है। केले में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, इसलिए दिन में दो केले ज़रूर खाएं और हेल्दी रहें।

किन्हें केला नहीं खाना चाहिए ?

दमा के मरीज़ों को केला नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे दमा बढ़ सकता है या उन्हें दमे का अटैक आ सकता है। सर्दियों में तो इसे खासकर न खाएं। सिर्फ यही नहीं, उन्हें दूध या दूध से बने प्रोडक्ट्स भी अवॉइड करने चाहिए। इसलिए वो बनाना शेक भी न लें, तो उनकी सेहत के लिए फायदेमंद होगा।
-अगर आपको खांसी है, तो भी आपको केला नहीं खाना चाहिए। इससे बलगम बनेगी और
खांसी बढ़ेगी।

बालों में चमक के लिए केला है बेस्ट !

बालों को झड़ने से बचाने के लिए हेयर मास्क बहुत कारगर है, लेकिन आप हमेशा पार्लर जाकर हेयर मास्क नहीं लगवा सकते। इसलिए हम आपको घर पर कैमिकल-फ्री हेयर मास्क बनाना सिखा रहे हैं। इससे आपके बाल हेल्दी होंगे और उनमें चमक भी आएगी।

BANANA CREAM MASK:

यह मास्क आपके बालों को हेल्दी और उन्हें शाइनिंग रखता है। यह आपके बालों की जड़ों को कमजोर होने से रोकता है और उन्हें मजबूती देता है। केले में मौजूद आयरन और विटामिन बालों को जरूरी पोषण देते हैं। इसे तैयार करने के लिए एक पके हुए केले को मिक्सी में पीस लें। फिर उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और बालों में लगाएं। 15-20 मिनट के बाद उन्हें गुनगुने पानी से धो लें। शहद नेचुरल कंडीशनर की तरह काम करता है। इस मास्क को फ्रिज में कई दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है। 

चुकंदर


# 1 आपके रक्तचाप के स्तर को कम करता है चुकंदर नाइट्रेट्स का एक बड़ा स्रोत है, जिसका सेवन करने पर यह नाइट्राइट और नाइट्रिक ऑक्साइड नामक गैस में बदल जाता है। ये दोनों घटक धमनियों को चौड़ा करने और रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि प्रतिदिन लगभग 500 ग्राम चुकंदर खाने से व्यक्ति का रक्तचाप लगभग छह घंटे में कम हो जाता है ।

# 2 'खराब' कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और पट्टिका निर्माण को रोकता है ।

चुकंदर में बड़ी मात्रा में घुलनशील फाइबर, फ्लेवोनोइड्स और बेटासैनिन शामिल हैं। बेटिसैनिन वह यौगिक है जो चुकंदर को अपने प्यूरिश-लाल रंग देता है और एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट भी है। (1) यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को कम करने में मदद करता है और इसे धमनी की दीवारों पर जमा करने की अनुमति नहीं देता है। यह दिल को संभावित हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाता है ताकि दवा की जरूरत कम हो।

# 3 गर्भवती महिलाओं और अजन्मे बच्चे के लिए अच्छा है ।

जड़ की एक और अद्भुत गुणवत्ता यह है कि इसमें फोलिक एसिड की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति होती है। फोलिक एसिड गर्भवती माँ और अजन्मे बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अजन्मे बच्चे की रीढ़ की हड्डी के उचित गठन के लिए एक आवश्यक घटक है, और बच्चे को स्पाइना बिफिडा जैसी स्थितियों से बचा सकता है (यह एक जन्मजात विकार है जहाँ बच्चे की रीढ़ की हड्डी नहीं होती है) पूरी तरह से और ज्यादातर मामलों में ऐसा लगता है कि इसे आधार में दो में विभाजित किया गया है)। चुकंदर गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए मॉम्स-टू-बी देता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को फोलिक एसिड की आवश्यकता क्यों होती है इसके बारे में और पढ़ें।

# 4 ऑस्टियोपोरोसिस को पीटता है ।

चुकंदर खनिज सिलिका के साथ पैक किया जाता है, शरीर के लिए कैल्शियम का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। चूँकि कैल्शियम हमारी हड्डियों और दाँतों को बनाता है, एक दिन चुकंदर के रस का एक गिलास पीने से ऑस्टियोपोरोसिस और अस्थि भंग जैसी बीमारियों को दूर रखने में मदद मिल सकती है। यहां बताया गया है कि आप ऑस्टियोपोरोसिस को कैसे रोक सकते हैं।

# 5 मधुमेह की जाँच करता है ।

मधुमेह से पीड़ित लोग अपने आहार में थोड़ा चुकंदर शामिल करके अपनी मीठी लालसा को पूरा कर सकते हैं। एक मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वेजीटेबल होने के नाते (इसका मतलब है कि यह शक्कर को बहुत धीरे-धीरे रक्त में छोड़ता है), यह आपकी शर्करा की तृष्णा को कम करते हुए आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है। (२) इसके अलावा, यह सब्जी कैलोरी में कम है और वसा रहित यह मधुमेह रोगियों के लिए एक आदर्श सब्जी है।

# 6 एनीमिया का इलाज करता है ।

यह एक आम मिथक है कि क्योंकि चुकंदर का रंग लाल होता है, यह खोए हुए रक्त को बदल देता है और इसलिए एनीमिया का इलाज करने के लिए अच्छा है। हालांकि यह कई लोगों के लिए अपमानजनक लग सकता है, मिथक में एक आंशिक सच्चाई छिपी है। चुकंदर में बहुत सारा आयरन होता है। आयरन हैमगलगुटिनिन के निर्माण में मदद करता है, जो रक्त का एक हिस्सा है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाने में मदद करता है। यह लोहे की सामग्री है न कि रंग जो एनीमिया के इलाज में मदद करता है। एनीमिया होने पर 5 खाद्य पदार्थों के बारे में पढ़ें, जिनसे आपको बचना चाहिए।

# 7 थकान दूर करने में मदद करता है ।

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के सम्मेलन में प्रस्तुत एक अध्ययन में कहा गया है कि चुकंदर व्यक्ति की ऊर्जा को बढ़ावा देने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि इसकी नाइट्रेट सामग्री के कारण यह धमनियों को पतला करने में मदद करता है जिससे शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन के उचित परिवहन में मदद मिलती है, जिससे व्यक्ति की ऊर्जा बढ़ती है। एक अन्य सिद्धांत यह था कि क्योंकि जड़ लोहे का एक समृद्ध स्रोत है, यह किसी व्यक्ति की सहनशक्ति को बेहतर बनाने में मदद करता है। (3) जो भी स्रोत है, एक थका देने वाले दिन के अंत में एक पिक-अप हो सकता है, जो सिर्फ एक की जरूरत है।

# 8 यौन स्वास्थ्य और सहनशक्ति में सुधार करता है ।

Known प्राकृतिक वियाग्रा ’के रूप में भी जाना जाता है, चुकंदर का उपयोग आमतौर पर एक व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए कई प्राचीन रीति-रिवाजों में किया गया है। चूँकि सब्जी नाइट्रेट का एक समृद्ध स्रोत है, यह शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड छोड़ने में मदद करता है, रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करता है, और जननांगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है - एक तंत्र जो वियाग्रा जैसी दवाओं को दोहराने की तलाश करता है। एक अन्य कारक यह है कि चुकंदर में बहुत सारे बोरॉन होते हैं, एक रासायनिक यौगिक जो मानव सेक्स हार्मोन के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। तो अगली बार, नीली गोली खाई और इसके बजाय कुछ चुकंदर का रस लें। यहाँ 8 यौन सहनशक्ति बढ़ाने के टिप्स दिए गए हैं जो आपको याद नहीं होने चाहिए!

# 9 आपको कैंसर से बचाता है ।

चुकंदर में बेटासैनिन सामग्री का एक और बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। वॉशिंगटन डीसी के हावर्ड विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन में, यह पाया गया कि बिटकॉइनिन ने स्तन और प्रोस्टेट कैंसर के रोगियों में 12.5 प्रतिशत तक ट्यूमर के विकास को धीमा करने में मदद की। (४) यह प्रभाव न केवल कैंसर के निदान और उपचार में मदद करता है, बल्कि यह कैंसर से बचे लोगों को कैंसर मुक्त रहने में भी मदद करता है।

# 10 कब्ज को दूर करता है ।

इसकी उच्च घुलनशील फाइबर सामग्री के कारण, चुकंदर एक महान रेचक के रूप में कार्य करता है। यह मल को नरम करके आपके मल त्याग को नियमित करने में मदद करता है। यह बृहदान्त्र को भी साफ करता है और पेट से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। कब्ज से राहत पाने के लिए यहां कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं।

# 11 मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाता है ।

ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि चुकंदर का रस पीने से एक व्यक्ति की सहनशक्ति 16 प्रतिशत बढ़ सकती है, क्योंकि यह नाइट्रेट सामग्री की वजह से है। शरीर द्वारा ऑक्सीजन को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, अध्ययन में यह भी पाया गया कि इस एक कारक के कारण, यह मस्तिष्क के उचित कामकाज में भी मदद कर सकता है और मनोभ्रंश की शुरुआत को हरा सकता है। (५) यह भी देखा गया है कि नाइट्राइट में परिवर्तित होने पर नाइट्रेट तंत्रिका आवेगों के बेहतर संचरण में मदद करता है, जिससे मस्तिष्क बेहतर कार्य करता है।



Friday 8 August 2014

Kundli Gyan




जन्म‍ पत्रिका देखना कोई मामूली बात नहीं। जरा सी भूल सामने वाले को मानसिक परेशानी में डाल सकती है या गलत तालमेल जीवन को नष्ट कर देता है। पत्रिका मिलान में की गई गड़बड़ी या कुछ लोगों को अनदेखा कर देना जीवन को नष्ट कर देता है।

सबसे पहले हम जानेंगे पत्रिका में किस भाव से क्या देखें फिर मिलान पर नजर डालेंगे। जन्म पत्रिका में बारह भाग होते हैं व जिस जातक का जन्म जिस समय हुआ है उस समय के लग्न व लग्न में बैठे ग्रह लग्नेश की स्थिति आदि। 

लग्न प्रथम भाव से स्वयं शरीर, व्यक्तित्व, रंग-रूप, स्वभाव, चंचलता, यश, 

द्वितीय भाव से धन, कुटुंब, वाणी़, नेत्र, मारक, विद्या, पारिवारिक स्थिति, राजदंड, स्त्री की कुंडली में पति की आयु देखी जाती है।

तृतीय भाव से कनिष्ठ भाई-बहन, पराक्रम, छोटी-छोटी यात्रा, लेखन, अनुसंधान स्त्री की कुंडली में पति का भाग्य, यश, श्वसुर, देवरानी, नंदोई।

चतुर्थ भाव से माता, मातृभूमि संपत्ति, भवन, जमीन, जनता से संबंध, कुर्सी, श्वसुर का धन, पिता का व्यवसाय, अधिकार, सम्मान आदि। 

पंचम भाव से विद्या, संतान, मनोरंजन, प्रेम, मातृ धन, पति की आय, सास की मृत्यु, लाभ, जेठ, बड़सास, चाचा, श्वसुर, बुआ सास,

षष्ट भाव से श्रम, शत्रु, रोग, कर्ण, मामा, मौसी, पुत्रधन, प्रवास, श्वसुर की अचल संपत्ति, पति का शैया सुख। 
सप्तम भाव से पति, पत्नी, विवाह, दाम्पत्य जीवन, वैधव्य, चरित्र, नानी, पति का रंग-रूप, ससुराल, यश-सम्मान। 

अष्टम भाव से आयु, गुप्त धन, गुप्त रोग, सौभाग्य, यश-अपयश, पति का धन व परिवार।

नवम भाव से भाग्य धर्म, यश, पुण्य, संतान, संन्यास, पौत्र, देवर-ननद। 

दशम भाव से राज्य, प्रशासनिक सेवा, पिता प्रतिष्ठा, सास, पति की मातृभूमि, आवास, अचल संपत्ति वाहनादि। 

एकादश भाव से आय, अभीष्ट प्राप्ति, चाचा, पुत्रवधू, दामाद, जेठानी, चाची, सास, सास का धन। 

द्वादश भाव से व्यय, गुप्त शत्रु, हानि, शयन सुख, कारोबार, पति की हानि, ऋण, मामा, मामी।

उक्त बातें स्त्री की कुंडली में देखी जाती हैं। किस भाव का स्वामी किस भाव में‍ किस स्थिति में है। इसे भी विचारणीय होना चाहिए। वर्तमान में गोचर ग्रहों की स्थिति व उनसे संबंध का भी ध्यान रखना चाहिए। मारक स्थान व उस समय की दशा-अंतरदशा का ध्यान रखना भी परम आवश्यक होता है।

जन्मपत्रिका मिलान करते समय मंगल दोष की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। जब सप्तमेश में शनि मंगल का संबंध बनता हो तो उस दोष के उपाय अवश्य करवाना चाहिए नहीं तो कन्या के कम उम्र में विधवा होने या पुरुष के विधुर होने की आशंका बनी रहती है।

इस प्रकार जन्म‍पत्रिका ठीक ढंग से मिलाने पर इन अनहोनियों से बचा जा सकता है और जातक का भला हो सकता है।




जन्म कुंडली के 12 भावों के अलग-अलग नाम हैं

लग्नभाव प्रथम भाव है, उसे तन भाव कहते हैं।

दूसरे भाव को धन भाव,

तृतीय भाव को सहज भाव,

चतुर्थ भाव को सुख एवं मातृभाव,

पंचम भाव को सुत भाव,

षष्ठ भाव को रिपु भाव,

सप्तम भाव को भार्या भाव,

अष्टम भाव को आयु भाव,

नवम भाव को भाग्यभाव तथा धर्म भाव,

दशम भाव को कर्म एवं पिता भाव,

एकादश भाव को आय भाव और

द्वादश भाव को व्यय भाव कहते हैं।

ये जन्मकुंडली के 12 भावों के नाम हैं।


 

  •  * प्रथम भाव से जातक की शारीरिक स्‍थिति, स्वास्थ्य, रूप, वर्ण,‍ चिह्न, जाति, स्वभाव, गुण, आकृति, सुख, दु:ख, सिर, पितामह तथा शील आदि का विचार करना चाहिए।

  • * द्वितीय भाव से धनसंग्रह, पारिवारिक स्‍थिति, उच्च विद्या, खाद्य-पदार्थ, वस्त्र, मुखस्थान, दा‍हिनी आंख, वाणी, अर्जित धन तथा स्वर्णादि धातुओं का संचार होता है।

  • * तृतीय भाव से पराक्रम, छोटे भाई-बहनों का सुख, नौकर-चाकर, साहस, शौर्य, धैर्य, चाचा, मामा तथा दाहिने कान का विचार करना चाहिए।

  • * चतुर्थ भाव से माता, स्थायी संपत्ति, भूमि, भवन, वाहन, पशु आदि का सुख, मित्रों की स्थिति, श्वसुर तथा हृदय स्थान का विचार करना चाहिए।

  • * पंचम भाव से विद्या, बुद्धि, नीति, गर्भ स्थिति, संतान, गुप्त मंत्रणा, मंत्र सिद्धि, विचार-शक्ति, लेखन, प्रबंधात्मक योग्यता, पूर्व जन्म का ज्ञान, आध्यात्मिक ज्ञान, प्रेम-संबंध, इच्‍छाशक्ति आदि का विचार करना चाहिए।

  • * षष्ठ भाव से शत्रु, रोग, ऋण, चोरी अथवा दुर्घटना, काम, क्रोध, मद, मोह, लोभादि विकार, अपयश, मामा की स्थिति, मौसी, पापकर्म, गुदा स्‍थान तथा कमर संबंधी रोगों का विचार करना चाहिए।

  • * सप्तम भाव से स्त्री एवं विवाह सुख,‍ स्‍त्रियों की कुंडली में पति का विचार, वैवाहिक सुख, साझेदारी के कार्य, व्यापार में हानि, लाभ, वाद-विवाद, मुकदमा, कलह, प्रवास, छोटे भाई-बहनों की संतानें, यात्रा तथा जननेन्द्रिय संबंधी गुप्त रोगों का विचार करना चाहिए।

  • * अष्टम भाव से मृत्यु तथा मृत्यु के कारण, आयु, गुप्त धन की प्राप्ति, विघ्न, नदी अथवा समुद्र की यात्राएं, पूर्व जन्मों की स्मृति, मृत्यु के बाद की स्थिति, ससुराल से धनादि प्राप्त होने की स्‍थिति, दुर्घटना, पिता के बड़े भाई तथा गुदा अथवा अण्डकोश संबंधी गुप्त रोगों का विचार करना चाहिए।

  • * नवम भाव से धर्म, दान, पुण्य, भाग्य, तीर्थयात्रा, विदेश यात्रा, उत्तम विद्या, पौत्र, छोटा बहनोई, मानसिक वृत्ति, मरणोत्तर जीवन का ज्ञान, मंदिर, गुरु तथा यश आदि का विचार करना चाहिए।

  • * दशम भाव से पिता, कर्म, अधिकार की प्राप्ति, राज्य प्रतिष्ठा, पदोन्नति, नौकरी, व्यापार, विदेश यात्रा, जीविका का साधन, कार्यसिद्धि, नेता, सास, आकाशीय स्‍थिति एवं घुटनों का विचार करना चाहिए।

  • * एकादश भाव से आय, बड़ा भाई, मित्र, दामाद, पुत्रवधू, ऐश्वर्य-संपत्ति, वाहनादि के सुख, पारिवारिक सुख, गुप्त धन, दाहिना कान, मांगलिक कार्य, भौतिक पदार्थ का विचार करना चाहिए।
  • * द्वादश भाव से धनहानि, खर्च, दंड, व्यसन, शत्रु पक्ष से हानि, बायां नेत्र, अपव्यय, गुप्त संबंध, शय्या सुख, दु:ख, पीड़ा, बंधन, कारागार, मरणोपरांत जीव की गति, मुक्ति, षड्यंत्र, धोखा, राजकीय संकट तथा पैर के तलुए का विचार करना चाहिए।
कुंडली और अनायास धन‍ प्राप्ति योग
 
* लग्नेश द्वितीय भाव में तथा द्वितीयेश लाभ भाव में हो।

* चंद्रमा से तीसरे, छठे, दसवें, ग्यारहवें स्थानों में शुभ ग्रह हों।

* पंचम भाव में चंद्र एवं मंगल दोनों हों तथा पंचम भाव पर शुक्र की दृष्टि हो।

* चंद्र व मंगल एकसाथ हों, धनेश व लाभेश एकसाथ चतुर्थ भाव में हों तथा चतुर्थेश शुभ स्थान में शुभ दृष्ट हो।

* द्वितीय भाव में मंगल तथा गुरु की युति हो।
* धनेश अष्टम भाव में तथा अष्टमेश धन भाव में हो।

* पंचम भाव में बुध हो तथा लाभ भाव में चंद्र-मंगल की युति हो।

* गुरु नवमेश होकर अष्टम भाव में हो।

* वृश्चिक लग्न कुंडली में नवम भाव में चंद्र व बृहस्पति की युति हो।

* मीन लग्न कुंडली में पंचम भाव में गुरु-चंद्र की युति हो।

* कुंभ लग्न कुंडली में गुरु व राहु की युति लाभ भाव में हो।

* चंद्र, मंगल, शुक्र तीनों मिथुन राशि में दूसरे भाव में हों।

* कन्या लग्न कुंडली में दूसरे भाव में शुक्र व केतु हो।

* तुला लग्न कुंडली में लग्न में सूर्य-चंद्र तथा नवम में राहु हो।

* मीन लग्न कुंडली में ग्यारहवें भाव में मंगल हो।

जानिए आपके भाग्य में कितना पैसा है?
 
धन योग 

 
* जब कुंडली के दूसरे भाव में शुभ ग्रह बैठा हो तो जातक के पास अपार पैसा रहता है।

* जन्म कुंडली के दूसरे भाव पर शुभ ग्रह की दृष्टि हो तब भी भरपूर धन के योग बनते हैं।

* चूंकि दूसरे भाव का स्वामी यानी द्वितीयेश को धनेश माना जाता है अत: उस पर शुभ ग्रह की दृष्टि हो तब भी व्यक्ति को धन की कमी नहीं रहती।

* दूसरे भाव का स्वामी यानी द्वितीयेश के साथ कोई शुभ ग्रह बैठा हो तब भी व्यक्ति के पास खूब पैसा रहता है।

* जब बृहस्पति यानी गुरु कुंडली के केंद्र में स्थित हो।

* बुध पर गुरु की पूर्ण दृष्टि हो। (5,7,9)

* बृहस्पति लाभ भाव (ग्यारहवें भाव) में स्‍थित हो।

* द्वितीयेश उच्च राशि का होकर केंद्र में बैठा हो।

* लग्नेश लग्न स्थान का स्वामी जहां बैठा हो, उससे दूसरे भाव का स्वामी उच्च राशि का होकर केंद्र में बैठा हो।

* धनेश व लाभेश उच्च राशिगत हों।

* चंद्रमा व बृहस्पति की किसी शुभ भाव में यु‍ति हो।

* बृहस्पति धनेश होकर मंगल के साथ हो।

* चंद्र व मंगल दोनों एकसाथ केंद्र में हों।

* चंद्र व मंगल दोनों एकसाथ त्रिकोण में हों।

* चंद्र व मंगल दोनों एकसाथ लाभ भाव में हों।

* लग्न से तीसरे, छठे, दसवें व ग्यारहवें भाव में शुभ ग्रह बैठे हों।

* सप्तमेश दशम भाव में अपनी उच्च राशि में हो।

* सप्तमेश दशम भाव में हो तथा दशमेश अपनी उच्च राशि में नवमेश के साथ हो।

जन्म-कुंडली में देखिए कितना पैसा है आपके पास? 

 
* मेष लग्न की कुंडली में लग्न में सूर्य, मंगल, गुरु व शुक्र यह चारों यदि नवम भाव में हों तथा शनि सप्तम भाव में हो तो धन योग बनते हैं।
* मेष लग्न की कुंडली में लग्न में सूर्य व चतुर्थ भाव में चंद्र स्थित हो।

* वृष लग्न की कुंडली में बुध-गुरु एकसाथ बैठे हों तथा मंगल की उन पर दृष्टि हो।

* मिथुन लग्न की कुंडली में चंद्र-मंगल-शुक्र तीनों एकसाथ द्वितीय भाव में हों।
* मिथुन लग्न की कुंडली में शनि नवम भाव में तथा चंद्र व मंगल ग्यारहवें भाव में हों।

* कर्क लग्न की कुंडली में चंद्र-मंगल-गुरु दूसरे भाव में तथा शुक्र-सूर्य पंचम भाव में हों।
* कर्क लग्न की कुंडली में लग्न में चंद्र तथा सप्तम भाव में मंगल हों।
* कर्क लग्न की कुंडली में लग्न में चंद्र तथा चतुर्थ में शनि हो।
सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य, मंगल तथा बुध- ये तीनों कहीं भी एकसाथ बैठे हों।
* सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य, बुध तथा गुरु- ये तीनों कहीं भी एकसाथ बैठे हों।

* कन्या लग्न कुंडली में शुक्र व केतु दोनों धनभाव में हों।

* तुला लग्न कुंडली में चतुर्थ भाव में शनि हो।
* तुला लग्न कुंडली में गुरु अष्टम भाव में हो।

* वृश्चिक लग्न कुंडली में बुध व गुरु कहीं भी एकसाथ बैठे हों।
* वृश्चिक लग्न कुंडली में बुध व गुरु की परस्पर सप्तम दृष्टि हो।

* धनु लग्न वाली कुंडली में दशम भाव में शुक्र हो।

* मकर लग्न कुंडली में मंगल तथा सप्तम भाव में चंद्र हो।

* कुंभ लग्न कुंडली में गुरु किसी भी शुभ भाव में बलवान होकर बैठा हो।
* कुंभ लग्न कुंडली में दशम भाव में शनि हो।

* मीन लग्न कुंडली में लाभ भाव में मंगल हो।
* मीन लग्न कुंडली में छठे भाव में गुरु, आठवें में शुक्र, नवम में शनि तथा ग्यारहवें भाव में चंद्र-मंगल हों।

जानिए जन्मकुंडली से कैसे चमकाएं अपना भाग्य 

 
जन्मकुंडली में बीच के स्थान यानी लग्न से लेकर नौवां स्थान भाग्य का माना जाता है। यह स्थान तय करता है कि व्यक्ति का भाग्य कैसा होगा, कब चमकेगा और कब उसे प्रगति के मार्ग पर ले जाएगा। आइए जानते हैं पत्रिका के भाग्य भाव की रोचक जानकारी-
अगर पत्रिका में नवम भाव का स्वामी नवम भाव में ही हो तो ऐसा जातक भाग्य लेकर ही पैदा होता है। उसे जीवन में तकलीफ नहीं आती। यदि इस भाव के स्वामी रत्न का धारण विधिपूर्वक कर लें तो तेजी से भाग्य बढ़ने लगता है।
नवम भाव का स्वामी अष्टम भाव में हो तो भाग्य भाव से द्वादश होने के कारण व अष्टम अशुभ भाव में होने के कारण ऐसे जातकों को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ता है। अत: ऐसे जातक नवम भाव की वस्तु को अपने घर की ताक पर एक वस्त्र में रखें तो भाग्य बढ़ेगा।
 नवम भाग्यवान का स्वामी षष्ट भाव में हो तो उसे अपने शत्रुओं से भी लाभ होता है। नवम षष्ट में उच्च का हो तो वो स्वयं कभी कर्जदार नहीं रहेगा न ही उसके शत्रु होंगे। ऐसी स्थिति में उसे उक्त ग्रह का नग धारण नहीं करना चाहिए।
* नवम भाव का स्वामी यदि चतुर्थ भाव में स्वराशि या उच्च का या मित्र राशि का हो तो वह उस ग्रह का रत्न धारण करें तो भाग्य में अधिक उन्नति होगी। ऐसे जातकों को जनता संबंधित कार्यों में, राजनीति में, भूमि-भवन-मकान के मामलों में सफलता मिलती है। ऐसे जातक को अपनी माता का अनादर नहीं करना चाहिए।
 नवम भाव का स्वामी यदि नीच राशि का हो तो उससे संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए। ज‍बकि स्वराशि या उच्च का हो या नवम भाव में हो तो उस ग्रह से संब‍ंधित वस्तुओं के दान से बचना चाहिए।
नवम भाव में गुरु हो तो ऐसे जातक धर्म-कर्म को जानने वाला होगा। ऐसे जातक पुखराज धारण करें तो यश-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
नवम भाव में स्वराशि का सूर्य या मंगल हो तो ऐसे जातक उच्च पद पर पहुंचते हैं। सूर्य व मंगल जो भी हों उससे संबंधित रंगों का प्रयोग करें तो भाग्य में वृद्धि होगी।
नवम भाव का स्वामी दशमांश में स्वराशि या उच्च का हो व लग्न में शत्रु या नीच राशि का हो तो उसे उस ग्रह का रत्न पहनना चाहिए तभी राज्य, व्यापार, नौकरी जिसमें हाथ डाले वह जातक सफल होगा।
 नवम भाव की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो उस जातक को उक्त ग्रह से संबंधित रत्न अवश्य पहनना चाहिए। इस प्रकार हम अपने भाग्य में वृद्धि कर सफलता पा सकते हैं।
 

Friday 14 June 2013

BLOOD PRESSURE

रक्तचाप समस्या और समाधान 


Average Blood Pressure

Young

80/120 mmHg

Old

90/140 mmHg

 

Level of severity

Systolic Blood Pressure(in mmHg)

Diastolic Blood Pressure(in mmHg)

Mild

140-160

90-100

Moderate

160-200

100-120

Severe

Above 200

Above 120

उच्च रक्तचाप की दवाई::


उच्च रक्तचाप की बीमारी ठीक करने के लिए घर में उपलब्ध कुछ आयुर्वेदिक दवाईया है जो आप ले सकते है । 

1. जैसे एक बहुत अच्छी दवा आप के घर में है वो है दालचीनी जो मसाले के रूप में उपयोग होता है वो आप पत्थर में पिस कर पावडर बनाके आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ खाइए 


1(a).  अगर थोडा खर्च कर सकते है तो दालचीनी को शहद के साथ लीजिये (आधा चम्मच शहद आधा चम्मच दालचीनी) गरम पानी के साथ, ये हाई BP के लिए बहुत अच्छी दवा है । यह भी  अच्छी दवा है जो आप ले सकते है पर दोनों में से कोई एक । 

2.दूसरी दवा है मेथी दाना, मेथी दाना आधा चम्मच लीजिये एक ग्लास गरम पानी में और रात को भिगो दीजिये, रात भर पड़ा रहने दीजिये पानी में और सुबह उठ कर पानी को पी लीजिये और मेथी दाने को चबा के खा लीजिये । ये बहुत जल्दी आपकी हाई BP कम कर देगा, डेढ़  से दो महीने में एकदम स्वाभाविक कर देगा ।

 3. तीसरी दवा है हाई BP के लिए वो है अर्जुन की छाल । अर्जुन एक वृक्ष होती है उसकी छाल को धुप में सुखा कर पत्थर में पिस के इसका पावडर बना लीजिये । आधा चम्मच पावडर, आधा ग्लास गरम पानी में मिलाकर उबाल ले, और खूब उबालने के बाद इसको चाय की तरह पी ले । ये हाई BP को ठीक करेगा, कोलेस्ट्रोल को ठीक करेगा, ट्राईग्लिसाराईड को ठीक करेगा, मोटापा कम करता है , हार्ट में अर्टेरिस में अगर कोई ब्लोकेज है तो वो ब्लोकेज को भी निकाल देता है ये अर्जुन की छाल । डॉक्टर अक्सर ये कहते है न ,कि दिल कमजोर है आपका । अगर दिल कमजोर है तो आप जरुर अर्जुन की छाल लीजिये हरदिन , दिल बहुत मजबूत हो जायेगा आपका । आपका ESR ठीक होगा, ejection fraction भी ठीक हो जायेगा ,  बहुत अच्छी दवा है ये अर्जुन की छाल ।

 4. एक और अच्छी दवा है हमारे घर में वो है लौकी का रस । एक कप लौकी का रस रोज पीना सबेरे खाली पेट नास्ता करने से एक घंटे पहले ; और इस लौकी की रस में पांच धनिया पत्ता, पांच पुदीना पत्ता, पांच तुलसी पत्ता मिलाके, तिन चार कलि मिर्च पिस के ये सब डाल के पीना .. ये बहुत अच्छा आपके BP ठीक करेगा और ये ह्रदय को भी बहुत व्यवस्थित कर देता है , कोलेस्ट्रोल को ठीक रखेगा, डाईबेटिस में भी काम आता है ।



5.बिलकुल  मुफ्त की एक दवा है , बेल पत्र की पत्ते - ये उच्च रक्तचाप में बहुत काम आते है । पांच बेल पत्र ले कर पत्थर में पिस कर उसकी चटनी बनाइये अब इस चटनी को एक ग्लास पानी में डाल कर खूब गरम कर लीजिये , इतना गरम करिए के पानी आधा हो जाये , फिर उसको ठंडा करके पी लीजिये । ये सबसे जल्दी उच्च रक्तचाप को ठीक करता है और ये बेलपत्र आपके शुगर  को भी सामान्य कर देगा । जिनको उच्च रक्तचाप और शुगर  दोनों है उनके लिए बेल पत्र सबसे अच्छी दवा है ।




 नोट:-  एक और प्राचीनतम  दवा है हाई BP के लिए - देशी गाय की मूत्र आधा कप रोज सुबह खाली पेट पीये , ये बहुत जल्दी हाई BP को ठीक कर देता है । और ये गोमूत्र बहुत अद्भूत है , ये हाई BP को भी ठीक करता है और लो BP को भी ठीक कर देता है - दोनों में काम आता है और येही गोमूत्र डाईबेटिस को भी ठीक कर देता है , Arthritis , Gout (गठिया) दोनों ठीक होते है । अगर आप गोमूत्र लगातार पि रहे है तो दमा भी ठीक होता है अस्थमा भी ठीक होता है, Tuberculosis भी ठीक हो जाती है । इसमें दो सावधानिया ध्यान रखने की है के गाय सुद्धरूप से देशी हो और वो गर्भावस्था में न हो ।

निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए दवा ::


1.निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए सबसे अच्छी दवा है गुड़ ।

 ये गुड़ पानी में मिलाके, नमक डालके, नीबू का रस मिलाके पि लो । एक ग्लास पानी में 25 ग्राम गुड़, थोडा नमक नीबू का रस मिलाके दिन में दो तिन बार पिने से लो BP सबसे जल्दी ठीक होगा ।

2.एक और अच्छी दवा है ..अगर आपके पास थोड़े पैसे हैं तो रोज अनार का रस पियो नमक डालकर इससे बहुत जल्दी लो BP ठीक हो जाती है 

3. गन्ने का रस पीये नमक डालकर ये भी लो BP ठीक कर देता है 

4.संतरे का रस नमक डाल के पियो ये भी लो BP ठीक कर देता है

5. अनन्नास का रस पीये नमक डाल कर ये भी लो BP ठीक कर देता है ।

6. लो BP के लिए और एक बढ़िया दवा है मिसरी और मक्खन  मिलाके खाओ - ये लो BP की सबसे अच्छी दवा है ।

7. लो BP के लिए और एक बढ़िया दवा है दूध में घी मिला के पियो , एक ग्लास देशी गाय का दूध और एक चम्मच देशी गाय की घी मिला के रात को पीने  से लो BP बहुत अच्छे से ठीक होगा ।

8. एक और अच्छी दवा है लो BP की और सबसे सस्ता भी वो है नमक का पानी पियो दिन में दो तिन बार , जो गरीब लोग है ये उनके लिए सबसे अच्छा है ।


9. १०-१५ किशमिश को रात में भिगोने रख दीजिये और सुबह खाली पेट इसका सेवन कीजिये , ऐसा कम से कम  एक महीना लगातार सेवन करने से लो बी पी की शिकायत अवश्य दूर होगी। और अगर हो सके तो इसका  पानी भी पी लेना चाहिए , पानी में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कई तरह से हमे लाभ पहुंचाते हैं।  




नोट:-कम से कम दो केला(रोज़) के नियमित सेवन करने से लो तथा हाय दोनों तरह की बी पी को कण्ट्रोल किया जा सकता है। 

Tuesday 22 December 2009

अब और क्या

अभी इस संसार में जो भी उथल पुथल चल रहा है इसके जिम्मेदार कौन हैं ?शायद हम लोग ही हैं पर अभी तक किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया है की आने वाला कल कैसा होगा ?इसका प्रारूप कैसा होगा?आज हम एक नहीं कई समस्याओं से जूझ रहे हैं उदहारण स्वरुप आबादी,मौसम का बदलाव,पर्यावरण में उठा -पटक ,लोगो का आचरण ,बीमारी,स्वार्थ ,ऐसी बहुत सारी चीज़े हैं जिससे हमारी शांति,समृधि,सुख ,विचार ,रहा-सहन में बदलाव आ गया है!सबसे ज्यादा प्रक्रिरती का उपभोग हम मानव ही कर रहे हैं इस लिए इसमें थोड़ी सी भी कमी होने पर मानव जातिका अस्तित्व खतरे में पद जायेगा इसलिए सभी अपने विचार प्रगट करें और हर संभव हल ढूँढने की कोशिश करें !आपके विचार विचारनीय होंगे और इसको अपने लाइफ में भी लागू करने की जरूरत हैं!धन्यवाद्.

Tuesday 10 February 2009

Love




मेरे पास एक बार एक दोस्त था जो मेरे बहुत करीब हो गया। एक बार जब हम एक स्विमिंग पूल के किनारे पर बैठे थे, तो उसने अपने हाथ की हथेली को कुछ पानी से भरा और मेरे सामने रखा, और यह कहा: "आप इस पानी को ध्यान से मेरे हाथ पर देखते हैं? यह प्यार का प्रतीक है।" यह मैंने इसे कैसे देखा: जब तक आप अपने हाथ को खुले तौर पर रखते हैं और इसे वहां रहने की अनुमति देते हैं, यह हमेशा रहेगा। हालांकि, अगर आप अपनी उंगलियों को बंद करने का प्रयास करते हैं और इसे रखने की कोशिश करते हैं, तो यह पहले मिलने वाली दरार के माध्यम से फैल जाएगा। यह सबसे बड़ी गलती है जो लोग प्यार से मिलने पर करते हैं ... वे इसे हासिल करने की कोशिश करते हैं, वे मांग करते हैं, वे उम्मीद करते हैं ... और जैसे पानी आपके हाथ से निकलता है, वैसे ही प्यार आपसे प्राप्त होगा। प्रेम का अर्थ है मुक्त होना, आप इसका स्वरूप नहीं बदल सकते। यदि ऐसे लोग हैं जिन्हें आप प्यार करते हैं, तो उन्हें स्वतंत्र प्राणी होने दें। उम्मीद करें और उम्मीद न करें। सलाह दें, लेकिन आदेश न दें। लेकिन, कभी भी मांग न करें। यह सरल लग सकता है, लेकिन यह एक ऐसा सबक है जो वास्तव में अभ्यास करने के लिए जीवन भर ले सकता है। यह सच्चे प्रेम का रहस्य है। सही मायने में इसका अभ्यास करें, आपको ईमानदारी से महसूस करना चाहिए उन लोगों से कोई अपेक्षा नहीं, जिन्हें आप प्यार करते हैं, और फिर भी बिना शर्त देखभाल। "पासिंग थिंकिंग ... जीवन को हम जितनी सांसें लेते हैं, उससे नहीं मापा जाता है; लेकिन उन क्षणों से भी जो हमारी सांस को रोक लेते हैं।

Tuesday 3 February 2009

मानव प्रादुर्भाव धरती पर

जीवन रहस्य 




सबसे  पहले  ब्रह्माजी  ने  इंडियन  और  हिन्दू  माइथोलॉजी  के  अनुसार  मनु  और  श्रद्धा  को  इस  पृथवी  पर  मानव  जीवन  को  आगे  बढ़ाने  और  सप्तऋषि  को  मार्ग  दर्शन  करने  के  लिए  भेजा  तो  मुझे  बताओ  आगे  की  पीढ़ी  में  सभी  भाई  बहिन  ही  थे  फिर  सृष्टि  कैसे  आगे  बड़ी ? 
मान लिया की उस समय अनजान में, जैसे ज्ञान की आभाव में उनका मिलान होता गया एवं इसी  प्रकार से मानव जाति का विकास होता गया फिर ये सब एक ही परिवार के सदस्य हुए।  इसके बाबजूद हमलोग अपनी अलग पहचान रखते हैं।  सबका मज़हब अलग है , इनमे काफी बड़ा भेदभाव रखा जा रहा है।  और तो और आये दिन कोई भी घटना दुर्घटना सब मानवों के विनाश के लिए हो रहा है।  क्या आज कोई मार्गदर्शक नहीं है जो वसुदेव कुटुम्ब्कम्ब का पाठ याद दिला सके और सबसे कहें की हम और हमारा विश्व पूर्ण रूप से एक ही फॅमिली है। क्या किसी के पास इन सवालों का जवाब है तो प्लीज मेरे सवालों का जवाब लिखे।  धन्यवाद 

दर्द(Pain)

  पूरे शरीर में दर्द के कारण कई लोगों को अकसर ही पूरे शरीर में दर्द रहता है। यह दर्द तनाव , स्ट्रेस , अनिद्रा आदि की व...