common utility knowledge for a common man to benefited by applying some changes by reading this blogs.
Tuesday 22 December 2009
अब और क्या
अभी इस संसार में जो भी उथल पुथल चल रहा है इसके जिम्मेदार कौन हैं ?शायद हम लोग ही हैं पर अभी तक किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया है की आने वाला कल कैसा होगा ?इसका प्रारूप कैसा होगा?आज हम एक नहीं कई समस्याओं से जूझ रहे हैं उदहारण स्वरुप आबादी,मौसम का बदलाव,पर्यावरण में उठा -पटक ,लोगो का आचरण ,बीमारी,स्वार्थ ,ऐसी बहुत सारी चीज़े हैं जिससे हमारी शांति,समृधि,सुख ,विचार ,रहा-सहन में बदलाव आ गया है!सबसे ज्यादा प्रक्रिरती का उपभोग हम मानव ही कर रहे हैं इस लिए इसमें थोड़ी सी भी कमी होने पर मानव जातिका अस्तित्व खतरे में पद जायेगा इसलिए सभी अपने विचार प्रगट करें और हर संभव हल ढूँढने की कोशिश करें !आपके विचार विचारनीय होंगे और इसको अपने लाइफ में भी लागू करने की जरूरत हैं!धन्यवाद्.
Tuesday 10 February 2009
Love
मेरे पास एक बार एक दोस्त था जो मेरे बहुत करीब हो गया। एक बार जब हम एक स्विमिंग पूल के किनारे पर बैठे थे, तो उसने अपने हाथ की हथेली को कुछ पानी से भरा और मेरे सामने रखा, और यह कहा: "आप इस पानी को ध्यान से मेरे हाथ पर देखते हैं? यह प्यार का प्रतीक है।" यह मैंने इसे कैसे देखा: जब तक आप अपने हाथ को खुले तौर पर रखते हैं और इसे वहां रहने की अनुमति देते हैं, यह हमेशा रहेगा। हालांकि, अगर आप अपनी उंगलियों को बंद करने का प्रयास करते हैं और इसे रखने की कोशिश करते हैं, तो यह पहले मिलने वाली दरार के माध्यम से फैल जाएगा। यह सबसे बड़ी गलती है जो लोग प्यार से मिलने पर करते हैं ... वे इसे हासिल करने की कोशिश करते हैं, वे मांग करते हैं, वे उम्मीद करते हैं ... और जैसे पानी आपके हाथ से निकलता है, वैसे ही प्यार आपसे प्राप्त होगा। प्रेम का अर्थ है मुक्त होना, आप इसका स्वरूप नहीं बदल सकते। यदि ऐसे लोग हैं जिन्हें आप प्यार करते हैं, तो उन्हें स्वतंत्र प्राणी होने दें। उम्मीद करें और उम्मीद न करें। सलाह दें, लेकिन आदेश न दें। लेकिन, कभी भी मांग न करें। यह सरल लग सकता है, लेकिन यह एक ऐसा सबक है जो वास्तव में अभ्यास करने के लिए जीवन भर ले सकता है। यह सच्चे प्रेम का रहस्य है। सही मायने में इसका अभ्यास करें, आपको ईमानदारी से महसूस करना चाहिए उन लोगों से कोई अपेक्षा नहीं, जिन्हें आप प्यार करते हैं, और फिर भी बिना शर्त देखभाल। "पासिंग थिंकिंग ... जीवन को हम जितनी सांसें लेते हैं, उससे नहीं मापा जाता है; लेकिन उन क्षणों से भी जो हमारी सांस को रोक लेते हैं।
Tuesday 3 February 2009
मानव प्रादुर्भाव धरती पर
जीवन रहस्य
सबसे पहले ब्रह्माजी ने इंडियन और हिन्दू माइथोलॉजी के अनुसार मनु और श्रद्धा को इस पृथवी पर मानव जीवन को आगे बढ़ाने और सप्तऋषि को मार्ग दर्शन करने के लिए भेजा तो मुझे बताओ आगे की पीढ़ी में सभी भाई बहिन ही थे फिर सृष्टि कैसे आगे बड़ी ?
मान लिया की उस समय अनजान में, जैसे ज्ञान की आभाव में उनका मिलान होता गया एवं इसी प्रकार से मानव जाति का विकास होता गया फिर ये सब एक ही परिवार के सदस्य हुए। इसके बाबजूद हमलोग अपनी अलग पहचान रखते हैं। सबका मज़हब अलग है , इनमे काफी बड़ा भेदभाव रखा जा रहा है। और तो और आये दिन कोई भी घटना दुर्घटना सब मानवों के विनाश के लिए हो रहा है। क्या आज कोई मार्गदर्शक नहीं है जो वसुदेव कुटुम्ब्कम्ब का पाठ याद दिला सके और सबसे कहें की हम और हमारा विश्व पूर्ण रूप से एक ही फॅमिली है। क्या किसी के पास इन सवालों का जवाब है तो प्लीज मेरे सवालों का जवाब लिखे। धन्यवाद
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