पूरे शरीर में
दर्द के कारण
कई लोगों को अकसर ही पूरे शरीर में दर्द रहता है। यह दर्द तनाव, स्ट्रेस, अनिद्रा आदि की वजह से हो सकता है। कई बार पूरे शरीर में दर्द होने के कई गंभीर कारण भी हो सकते हैं।
जानें पूरे
शरीर में दर्द
के कारण
1. तनाव या स्ट्रेस
तनाव महसूस होने पर
शरीर में तेज
दर्द महसूस हो
सकता है। स्ट्रेस
में रहने से
शरीर की प्रतिरक्षा
प्रणाली कमजोर हो जाती
है। इससे मांसपेशियां
कठोर हो सकती
है। साथ ही
सूजन और संक्रमण
से भी शरीर
प्रभावित हो सकता
है। लंबे समय
तक तनाव में
रहने से शरीर
की मांसपेशियों में
दर्द हो सकता
है।
2. डिहाइड्रेशन
डिहाइड्रेशन
यानी शरीर मं
पानी की कमी
होना। किसी व्यक्ति
के शरीर को
अच्छी तरह से
काम करने के
लिए हाइड्रेटेड रहना
बहुत जरूरी होता
है। जब व्यक्ति
डिहाइड्रेट होता है,
तो थका हुआ
महसूस करता है।
इसकी वजह से
पूरे शरीर में
दर्द महसूस हो
सकता है।
3. नींद की कमी
स्वस्थ रहने के
लिए नींद पूरी
होना बहुत जरूरी
है। जब नींद
की कमी होती
है, तो पूरे
शरीर में दर्द
का अहसास हो
सकता है। अनिद्रा
से परेशान लोगों
को अकसर दर्द
का अनुभव करना
पड़ता है। नींद
न खाने से
शरीर में थकान
होने लगती है,
इससे सुस्ती और
भारीपन महसूस हो सकता
है। साथ ही
शरीर मं दर्द
भी होने लगता
है। दरअसल, नींद
की कमी से
शरीर के ऊतक
और कोशिकाएं प्रभावित
होती हैं। इससे
व्यक्ति को पूरे
शरीर में तेज
दर्द हो सकता
है। इसलिए आपको
दिन में 7-8 घंटे
की नींद जरूर
लेनी चाहिए।
4. क्रोनिक
फटीग सिंड्रोम
जो व्यक्ति पूरी नींद
नहीं लेता है,
उसे थकावट, कमजोरी
महसूस हो सकती
है। साथ ही
मांसपेशियों में दर्द
हो सकता है।
इस स्थिति को
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम
कहा जाता है।
5. आर्थराइटिस
आर्थराइटिस
तब होता है,
जब किसी व्यक्ति
के जोड़ों में
सूजन आ जाती
है। आर्थराइटिस यानी
गठिया में व्यक्ति
को पूरे शरीर
में तेज दर्द
महसूस हो सकता
है। पूरे शरीर
में दर्द होना
गठिया का आम
लक्षण हो सकता
है।
6. ऑटोइम्यून
डिसऑर्डर
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर भी शरीर
में दर्द का
कारण बन सकते
हैं। ल्यूपस, मायोसिटिस
और स्कलेरोसिस ऐसे
ऑटोइम्यून विकार हैं, जिनकी
वजह से शरीर
की मांसपेशियों में
दर्द महसूस हो
सकता है। इस
स्थिति में शरीर
की प्रतिरक्षा प्रणाली
स्वस्थ ऊतकों पर हमला
करना शुरू कर
देती हैं। इससे
शरीर में सूजन
और दर्द होने
लगता है।
घरेलू उपचार
1.
कोल्ड
थेरेपी करें जब आप शरीर के प्रभावित हिस्से पर बर्फ लगाते हैं, तो यह उस क्षेत्र में
तंत्रिका आवेग को धीमा कर देता है, जिससे दर्द से राहत मिलती है।
2.
गर्म नमक
के घोल में भिगोएँ
3.
सरसों
के तेल की मालिश
4.
अदरक की
चाय पीना
5.
हल्दी
और शहद वाला दूध पिएं
6.
चेरी का
जूस पीना
पूरे शरीर में
दर्द का इलाज-
शरीर के दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर पेन किलर लिख सकते हैं। या फिर दर्द के कारण का पता लगाकर इलाज शुरू कर सकते हैं। आप घर पर इन तरीकों से पूरे शरीर के दर्द को कम कर सकते हैं-
• पूरे शरीर
में दर्द होने
पर गुनगुने पानी
से नहाएं। इससे
मांसपेशियों और शरीर
का तनाव कम
होने में मदद
मिलेगी। साथ ही
मांसपेशियों को आराम
भी मिलेगा।
• शरीर के
दर्द को कम
करने के लिए
खुद को हाइड्रेट
रखना जरूरी होता
है। हाइड्रेट रहकर
थकान, सुस्ती और
दर्द को कम
करने में मदद
मिल सकती है।
• शरीर में
दर्द होने पर
रेस्ट करना बहुत
जरूरी होता है।
इससे शरीर की
मांसपेशियों की मरम्मत
होती है। आपका
दर्द कम हो
सकता है।
• शरीर के
दर्द को कम
करने के लिए
बॉडी टैंप्रेचर को
भी कंट्रोल में
रखना जरूरी है।
शरीर का तापमान
बहुत कम नहीं
होना चाहिए। इससे
दर्द बढ़ सकता
है।
अगर आपको भी
अकसर शरीर में
दर्द रहता है,
तो डॉक्टर दर्द
के कारणों का
पता लगाकर आपका
इलाज शुरू कर
सकते हैं। पूरे
शरीर में दर्द
होने की स्थिति
को बिल्कुल भी
नजरअंदाज न करें।
एड़ी में जलन व दर्द के कारण
एड़ी में जलन होने के कई कारण हो सकते हैं। यह समस्या सामान्य या फिर गंभीर कारणों की वजह से हो सकती है। पैरों में चोट लगना, डायबिटीक न्यूरोपैथी इसके आम कारण हो सकते हैं।
जानें एड़ी
में जलन के
कारण-
1. डायबिटीक
न्यूरोपैथी
डायबिटीक न्यूरोपैथी को मधुमेह
मेलिटस की सबसे
सामान्य जटिलता माना जाता
है। यह टाइप
1 और टाइप 2 डायबिटीज
वाले 50 फीसदी रोगियों को
प्रभावित कर सकता
है। जब शरीर
में लंबे समय
तक ब्लड शुगर
लेवल बढ़ा रहता
है, तो इससे
नसों को नुकसान
पहुंच सकता है।
इसकी वजह से
पैरों या एड़ी
में जलन महसूस
हो सकती है।
ऐसे में डॉक्टर
से मिलना जरूरी
होता है।
2. पैर में चोट
लगना
पैर में चोट
लगने की वजह
से भी एड़ी
में जलन महसूस
हो सकती है।
साथ ही दर्द
का अहसास भी
हो सकता है।
यह चोट किसी
भी तरह की
हो सकती है।
दरअसल, चोट लगने
पर जब तंत्रिका
क्षति होती है,
जो जलन का
कारण बन सकते
हैं। इसके अलावा
टाइट जूते, चप्पल
पहनने से भी
एड़ी में जलन
और दर्द हो
सकता है।
3. एल्कोहॉलिक
न्यूरोपैथी
जो लोग लंबे
समय से शराब
पी रहे हैं,
उनमें एल्कोहॉलिक न्यूरोपैथी
विकसित होने का
जोखिम अधिक रहता
है। एल्कोहॉलिक न्यूरोपैथी
के लक्षण धीरे-धीरे नजर
आते हैं और
लंबे समय तक
रह सकते हैं।
कुछ कंडीशन में
यह तेजी भी
हो सकते हैं।
इस दौरान पीड़ित
को एड़ी और
पैर की उंगुलियों
में तेज जलन
महसूस हो सकती
है। कई बार
दर्द भी हो
सकता है।
4. ऑटोइम्यून
बीमारियां
ऑटोइम्यून बीमारियां भी एड़ी
में जलन और
दर्द होने का
कारण बन सकती
हैं। ऑटोइम्यून बीमारियां,
ऐसी होती हैं
जिसमें आपकी ही
प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से
अपने ही ऊतकों
पर हमला करती
है। यह न्यूरोपैथी
का कारण बन
सकता है, इसकी
वजह से तंत्रिका
के आस-पास
के ऊतक प्रभावित
हो सकते हैं।
ये स्थितियां पुराना
दर्द, जलन पैदा
कर सकती हैं।
इस स्थिति को
गंभीरता से लेना
चाहिए।
5. संकम्रण
कुछ संक्रमण भी एड़ी
में जलन का
कारण बन सकते
हैं। जब संक्रमण
तंत्रिका ऊतकों पर हमला
करते हैं, जिससे
न्यूरोपैथी होती है।
इस स्थिति में
तेज जलन और
दर्द महसूस हो
सकता है।
6. वैस्कुलर
समस्याएं
ब्लड और वैक्कुलर
से जुड़ी समस्याएं
तंत्रिका को आपूर्ति
करने के लिए
ऑक्सीजन की मात्रा
को प्रभावित करती
हैं, इससे तंत्रिका
तंतुओं को नुकसान
पहुंच सकता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस या उच्च
रक्तचाप से संकीर्ण
धमनियां परिधीय न्यूरोपैथी का
कारण बन सकती
हैं। इसके अलावा
वास्कुलिटिस रक्त वाहिकाओं
की दीवार को
मोटा और जख्मी
कर सकता है,
इससे रक्त प्रवाह
प्रभावित होता है
और तंत्रिका क्षति
होने लगती है।
इस स्थिति में
एड़ी में जलन
महसूस हो सकती
है।
एड़ी की जलन
के लिए घरेलू
उपाय
• एड़ी की
जलन को शांत
करने के लिए
आप बर्फ के
पानी से नहा
सकते हैं। इसके
अलावा एक टब
में ठंडा पानी
और बर्फ डालें।
अब इसमें अपने
दोनों पैरा डाल
दें। इससे जलन
से राहत मिल
सकती है।
• सेब का
सिरका भी एड़ी
की जलन को
शांत करने में
मदद कर सकता
है। इसके लिए
आप नहाने के
पानी में एप्पल
साइडर विनेगर मिला
सकते हैं। या
फिर गर्म पानी
में सेब का
सिरका मिलाएं, इसमें
अपने पैरों को
डालें।
• एड़ी में
जलन होने पर
पैरों की मालिश
करना भी अच्छा
उपाय हो सकता
है। मालिश करने
से ब्लड सर्कुलेशन
बढ़ता है, इससे
समस्या में आराम
मिल सकता है।
आप नारियल तेल,
चंदन के तेल
आदि से पैरों
की मालिश कर
सकते हैं।