यह चिकित्सा का एक वैकल्पिक स्वास्थ्य पद्धति (Alternative Health Practice) है।
- नंगे पैर चलना: रोजाना कुछ समय (जैसे 10 सेकंड से लेकर कुछ दिनों तक) घास, मिट्टी या रेत पर नंगे पैर चलें।
- पृथ्वी से संपर्क: जितना संभव हो, सीधे पृथ्वी के संपर्क में रहें।
- ऐसा महसूस किया गया है की इस थेरेपी से नींद नहीं आने की समस्या में लाभ होता है।
- किसी भी तरह का दर्द हो उसमे भी लाभ मिलता है।
- जीरो वोल्ट बेडशीट (Zero Volt Bedsheet): यह एक विशेष बेडशीट है जिसे सोते समय ग्राउंडिंग प्रभाव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- जीरो वोल्ट किट (Zero Volt Kit): घर पर इस थेरेपी को जारी रखने के लिए एक किट भी उपलब्ध है।
⚡ ग्राउंडिंग (Earthing) क्या है?
ग्राउंडिंग या अर्थिंग का मूल विचार यह है कि नंगे पैर पृथ्वी की सतह (जैसे मिट्टी, रेत, या घास) के सीधे संपर्क में आने से हमारे शरीर को स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
इस अभ्यास के समर्थक मानते हैं कि:
पृथ्वी एक विशाल ऋणात्मक आवेश (Negative Charge) का भंडार है।
जब हम पृथ्वी को छूते हैं, तो शरीर में जमा हुए मुक्त कण (Free Radicals) या सकारात्मक आवेश (Positive Charge) बेअसर हो जाते हैं।
यह प्रक्रिया शरीर के विद्युत संतुलन को "ज़ीरो वोल्ट" या पृथ्वी के पोटेंशियल (विभव) के बराबर लाती है, इसलिए इसे "ज़ीरो वोल्ट" चिकित्सा भी कहा जाता है।
💡 तकनीकी स्पष्टीकरण: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में, "ज़ीरो वोल्ट" का मतलब पृथ्वी के सापेक्ष शून्य विभव होता है। ग्राउंडिंग का उद्देश्य शरीर के विद्युत विभव को इसी शून्य विभव के करीब लाना होता है।
🧐 ज़ीरो वोल्ट (ग्राउंडिंग) के समर्थक दावे
इस वैकल्पिक पद्धति के समर्थक निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभों का दावा करते हैं:
सूजन (Inflammation) को कम करना: यह सबसे प्रमुख दावा है। उनका मानना है कि मुक्त कणों का बेअसर होना सूजन को कम करता है।
बेहतर नींद: कई उपयोगकर्ता नींद की गुणवत्ता में सुधार महसूस करने की रिपोर्ट करते हैं।
तनाव और चिंता में कमी: यह दावा किया जाता है कि ग्राउंडिंग कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को संतुलित कर सकता है।
रक्त चिपचिपाहट (Blood Viscosity) में सुधार: कुछ छोटे अध्ययनों से पता चला है कि यह रक्त प्रवाह को बेहतर बना सकता है।
दर्द में कमी: विशेषकर पुराने दर्द (Chronic Pain) में राहत का दावा किया जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सीमाएँ
सीमित प्रमाण: ग्राउंडिंग के लाभों का समर्थन करने वाले अधिकांश अध्ययन छोटे पैमाने के हैं, और अक्सर उन्हें निष्पक्ष (unbiased) नहीं माना जाता है। बड़े पैमाने पर, कठोर, और दोहराए जाने वाले वैज्ञानिक प्रमाणों की कमी है।
प्लेसीबो प्रभाव (Placebo Effect): वैज्ञानिक यह मानते हैं कि रिपोर्ट किए गए कई लाभ प्लेसीबो प्रभाव के कारण हो सकते हैं, जहाँ व्यक्ति को यह विश्वास होता है कि उन्हें फायदा हो रहा है, भले ही शारीरिक रूप से कोई बदलाव न हुआ हो।
कार्यप्रणाली की अस्पष्टता: हालांकि मुक्त कणों के बेअसर होने की बात की जाती है, लेकिन यह प्रक्रिया शरीर के भीतर कैसे काम करती है, इसकी विस्तृत जैविक कार्यप्रणाली (biological mechanism) अभी तक स्पष्ट रूप से स्थापित नहीं हुई है।
निष्कर्ष
"ज़ीरो वोल्ट" या ग्राउंडिंग एक अवांछित (unproven) वैकल्पिक स्वास्थ्य पद्धति है जो पृथ्वी के सीधे संपर्क के माध्यम से शरीर के विद्युत संतुलन को बहाल करने का दावा करती है। जबकि कुछ लोग इसके लाभ महसूस करने का दावा करते हैं, इसे किसी भी गंभीर बीमारी के लिए मुख्य चिकित्सा उपचार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो हमेशा एक डॉक्टर या प्रमाणित स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लेना सबसे सुरक्षित और सबसे अच्छा कदम है।
क्या आप ग्राउंडिंग के पीछे के विद्युत विज्ञान (electrical science) के बारे में और जानना चाहेंगे?

