TIME AS MEDICINE: THE HEALING SCIENCE
🌞 सूर्य के साथ प्राकृतिक जीवनशैली से मानव स्वास्थ्य
प्रकृति का प्रत्येक तत्व मानव जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है, और उनमें सबसे प्रमुख है — सूर्य। सूर्य न केवल पृथ्वी पर जीवन का आधार है, बल्कि हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का स्रोत भी है। यदि मनुष्य सूर्य के साथ तालमेल बिठाकर अपनी जीवनशैली बनाता है, तो वह स्वाभाविक रूप से स्वस्थ रह सकता है।
सुबह का समय ब्रह्ममुहूर्त कहलाता है। इस समय उठना, ताज़ी हवा में सूर्य की पहली किरणों का स्पर्श लेना, और हल्का व्यायाम या योग करना शरीर को ऊर्जावान बनाता है। सूर्य की रोशनी में मौजूद विटामिन-डी हड्डियों और प्रतिरक्षा तंत्र के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, सूर्य के प्रकाश से शरीर में “सेरोटोनिन” हार्मोन का स्राव होता है जो मन को प्रसन्न रखता है और अवसाद को दूर करता है।
सूर्य के साथ जीवन का अर्थ है — प्राकृतिक दिनचर्या अपनाना। दिन में सक्रिय रहना, सूर्यास्त के बाद कृत्रिम रोशनी से दूरी बनाना और समय पर सो जाना। जब हम प्रकृति की लय के साथ चलते हैं, तो शरीर की जैविक घड़ी (biological clock) संतुलित रहती है, जिससे नींद, पाचन और मानसिक शांति में सुधार होता है।
आज के यांत्रिक युग में कृत्रिम जीवनशैली ने मनुष्य को बीमार और तनावग्रस्त बना दिया है। ऐसे में सूर्य और प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करना ही सच्चे स्वास्थ्य का मार्ग है।
इसलिए कहा गया है —
“सूर्य से जुड़ो, प्रकृति से जुड़ो — और जीवन में ऊर्जा, आनंद व आरोग्य पाओ।”
Timing of Food
समय-सीमित भोजन (Time-restricted Eating) का स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ता है और यह अच्छे स्वास्थ्य को वापस लाने में सहायक हो सकता है। आप निम्नलिखित सरल समय नियमों का पालन कर सकते हैं:
First 15 Days – Food intake in 8-hour window only (10:00am to 6:00pm)
Next 15 Days – Food intake in 10-hour window only. (8:00am to 6:00pm)
For Lifelong – Food intake in 12-hour window only (8:00am to 8:00pm)
खाना जिसे आपको छोड़ना है :
“गहरी नींद के दौरान रात 11 बजे से सुबह 3 बजे तक डीएनए की मरम्मत चरम पर होती है”
डॉक्टर बीआरसी ने कहा, "स्वास्थ्य एक सिम्फनी है। जब आप लय का सम्मान करते हैं, तो आप नृत्य करते हैं।"
"दस बजे तक सो जाओ। अपनी कोशिकाओं को वह काम करने दो जिसे तुम वर्षों से अनदेखा कर रहे हो।"
समय को अपनी दवा बनाइए, एक सर्केडियन डॉक्टर बनिए - डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी
मानव शरीर की सर्कैडियन घड़ी को समझने से आपको यह समझने में मदद मिलती है कि आपके शरीर में होने वाली प्रत्येक रासायनिक प्रतिक्रिया एक पूर्व-
निर्धारित समय पर आधारित होती है और इससे कोई भी विचलन हमें बीमार कर सकता है। इस चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा प्रसिद्ध प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने किया। उन्होंने आगे बताया कि ज़्यादातर मानव जन्म रात 1:30 बजे से सुबह 6:30 बजे के बीच होते हैं, जबकि दिल का दौरा, स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट रात 1:30 बजे से सुबह 6:30 बजे के बीच होते हैं। ज़्यादातर घटनाएँ सुबह 6:30 बजे से रात 12:30 बजे के बीच होती हैं।
इसी तरह,रात की पाली में काम करने वालों में दिन में काम करने वालों की तुलना में कैंसर होने का खतरा 5% ज़्यादा होता है। इस अजीब समयबद्ध मानवीय घटना को सर्कैडियन रिदम कहा जाता है।
कहा जाता है कि “समय सबसे बड़ा चिकित्सक है।”
यह वाक्य बिल्कुल सत्य है, क्योंकि समय में वह शक्ति है जो हर दर्द, हर दुख, हर आघात को धीरे-धीरे भर देता है। जिस प्रकार किसी घाव को भरने में मरहम की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार जीवन के घावों को भरने में समय की आवश्यकता होती है।
जब हमें कोई दुःख पहुँचता है, कोई अपना बिछुड़ जाता है, या जीवन में असफलता मिलती है, तो उस क्षण लगता है कि अब सब कुछ समाप्त हो गया है। परंतु कुछ समय बीतने के बाद वही हृदय जो टूट चुका था, फिर से जीने लगता है। यह परिवर्तन कोई मनुष्य नहीं लाता, बल्कि “समय” ही लाता है।
समय न केवल दुखों को दूर करता है, बल्कि हमें समझदार भी बनाता है। वह हमें धैर्य, अनुभव और जीवन की वास्तविकता का पाठ पढ़ाता है। जो व्यक्ति समय की शक्ति को पहचान लेता है, वह कभी हताश नहीं होता, क्योंकि उसे ज्ञात होता है कि बुरा समय स्थायी नहीं होता।
इसलिए कहा गया है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, हमें धैर्य रखना चाहिए। समय के साथ सब कुछ ठीक हो जाता है। समय वास्तव में सबसे बड़ी दवा है — नि:शुल्क, सर्वसुलभ और सबसे प्रभावशाली।


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